एयर इंडिया का मालिकाना हक टाटा समूह के हाथ में जाने की खबर कई वेबसाइट्स में छपने के बाद 1 अक्टूबर 2021 को सरकार की तरफ से बयान आया कि फिलहाल इस पर फैसला नहीं लिया गया है.
इन खबरों के बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि टाटा समूह अपनी 150वीं एनिवर्सरी के मौके पर लोगों को कार जीतने का मौका दे रहा है. ऐसा कहने वाले लोग टाटा के लोगो वाली कुछ वेबसाइट्स के लिंक भी शेयर कर रहे हैं.
एक फेसबुक यूजर ने ऐसी ही एक वेबसाइट ‘6gz.org/’ का लिंक शेयर करते हुए लिखा, “Tata Groups. 150th Anniversary Celebration!! सभी लोग भाग लें. टाटा ग्रुप सदा से राष्ट्रवादी उद्योग पति पूर्ण भारतीय, स्वदेशी समूह हे. टाटा राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करता हे. जय श्री राम https://6gz.org/?1633024028246#1633050213496”.
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि टाटा समूह कार जीतने का मौका देने वाली कोई योजना नहीं चला रहा है. टाटा का लोगो इस्तेमाल करके बनाई गई एक-जैसी दिखने वाली कुछ फर्जी वेबसाइट्स के जरिये भ्रम फैलाया जा रहा है. ऐसी वेबसाइट्स के जरिये साइबर ठगी करने वाले लोग आम लोगों की निजी जानकारियां चुराते हैं और उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं.
क्या है सच्चाई
टाटा समूह ने 1 अक्टूबर 2021 को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके जानकारी दी कि वो मुफ्त कार जीतने का मौका देने वाली कोई प्रमोशनल एक्टिविटी नहीं चला रही है. साथ ही, कंपनी ने लोगों से ये भी गुजारिश की कि वे सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे ‘6gz.org/’ वेबसाइट के लिंक पर क्लिक न करें.
#FakeNotSafe
Tata Group or its companies are not responsible for this promotional activity. Please do not click on the link and/or forward it to others.Know more here: https://t.co/jJNfybI9ww pic.twitter.com/AA38T0oqHn
— Tata Group (@TataCompanies) October 1, 2021
‘गोडैडी’ वेबसाइट की मदद से हमें पता लगा कि ‘6gz.org/’ वेबसाइट का डोमेन 30 अगस्त 2021 को रजिस्टर किया गया था, यानी ये हाल-फिलहाल में ही बनी है. फर्जी वेबसाइट बनाने वाले अक्सर ऐसा करते हैं कि किसी खास मकसद से वेबसाइट बनाते हैं और मकसद पूरा हो जाने पर उसे बंद कर देते हैं.
इस वेबसाइट के सोर्स कोड में हमें पांच अन्य वेबसाइट्स ‘http://jtnm.org/‘, ‘http://tjjx.org/‘, ‘http://qlsb.org/‘, ‘http://3ren.org/‘ और ‘http://85y.org/‘ के लिंक मिले. दिलचस्प बात ये है कि इन लिंक्स को खोलने पर भी टाटा के लोगो वाली हूबहू वैसी ही वेबसाइट खुल रही है, जैसी ‘6gz.org/’ पर क्लिक करने से खुल रही है.
यानी, ये फर्जीवाड़ा करने वाली एक जैसी छह वेबसाइट्स बनाई गईं ताकि अगर किसी कारणवश इनमें से कुछ वेबसाइट बंद करनी पड़ें तो दूसरी वेबसाइट्स के जरिये इन्हें बनाने वाले का मकसद पूरा होता रहे.
कुछ समय पहले मारुति सुजुकी के नाम पर भी इसी तरह की एक फर्जी कार जीतो योजना का लिंक वायरल हुआ था. उस वक्त भी हमने उसकी सच्चाई बताई थी.
हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि टाटा समूह का लोगो चुराकर बनाई गई कुछ फर्जी वेबसाइट्स के जरिये लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है.