Publish Date: | Sat, 17 Jul 2021 10:33 AM (IST)
Bhopal Art and Culture: भोपाल (नवदुनिया रिपोर्टर)। गमक श्रृंखला में शुक्रवार शाम को साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यिक सांगीतिक प्रस्तुति के अंतर्गत विनीत शुक्ला एवं साथी, इंदौर द्वारा ‘यादें बचपन की” एवं सुश्री ज्योत्सना सोहिनी एवं साथी, इंदौर द्वारा नृत्य-नाटिका ‘मध्यप्रदेश का सांस्कृतिक वैभव” का सजीव प्रसारण किया गया। विनीत शुक्ला और साथियों ने गायन की शुरुआत जगजीत सिंह की गजल वो कागज की कश्ती बारिश का पानी से की…, उसके बाद शायर व कवि आलोक श्रीवास्तव की गजल अम्मा- धूप हुई तो आंचल बनकर कौने-कौने छाई अम्मा, घर का सारा शोर-शराबा सूनापन तन्हाई अम्मा…, बाबूजी- घर की बुनियादें दीवारें वाम-ओदर थे बाबूजी, सबको बांधे रखने वाला खास हुनर थे बाबू जी…, गीतकार रमेश शर्मा, चित्तौड़ का प्रसिद्ध गीत सब अभी से बदल गया मां… एवं जगजीत सिंह की गजल सुनाओ मुझे वो कहानी… का गायन किया। कीबोर्ड पर योगेश पाठक, तबले पर जयंत अकोदिया, ऑक्टोपैड पर रजत याग्निक और गिटार पर सचिन परमार ने संगत दी।
शिव वंदना के बाद मां नर्मदा की आराधाना: दूसरी प्रस्तुति ज्योत्सना सोहोनी एवं साथियों द्वारा कथक नृत्य की हुई, जिसमें सर्वप्रथम शिव वंदना के बाद पुण्यश्लोक एवं मां नर्मदा की आराधना करते हुए नर्मदाष्टक की प्रस्तुति दी गई। सुश्री ज्योत्सना के साथ हर्षिता सप्त्पुत्रे, पूर्वी पुराणीक, पर्णीका बोड़स, प्राजक्ता दातार, वंशिका परिहार, सोम्य महाजन, समृद्धि तारे, यशस्वी शर्मा एवं अन्वी कोकजे ने नृत्य में सहभागिता की।
गमक में आज: गमक श्रृंखला अंतर्गत शनिवार शाम सात बजे से सिंधी साहित्य अकादमी द्वारा सतीश तेजवानी, भोपाल द्वारा वर्णावतार, भगवान्ा झूलेलाल के चालीसवे महोत्सव के अवसर पर बहिराणा साहब का पूजन एवं सिंधी भजनों पर नृत्य प्रस्तुति का प्रसारण विभाग के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारित होगा।
Posted By: Lalit Katariya

