जागरण संवाददाता, देहरादून। Cyber Crime साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने सात राज्यों की एक ज्वाइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन टीम (जेसीसीटी)-5 बनाई है। जेसीसीटी-5 में शामिल सात राज्यों में किसी भी राज्य में साइबर ठगी होने पर समन्वय बनाकर ठगों को गिरफ्तार किया जाएगा। शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित कांफ्रेंस में सभी राज्यों के अधिकारियों ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए मंथन किया।
पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बनाई जेसीसीटी-5 (Joint Cyber Crime Coordination Team) में उत्तराखंड को नार्थ जोन में रखा गया है। इस जोन में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़ और उत्तराखंड शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ता साइबर क्राइम बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। इस पर कैसे अंकुश लगाया जा सकता है, इस पर विचार मंथन किया गया है।
कांफ्रेंस में इस बात पर भी विचार किया गया कि साइबर ठगी में फर्जी तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे सिम कार्ड पर रोक कैसे लगाई जाए। साथ ही बैंकों की ओर से बिना केवाईसी के बड़ी धनराशि ट्रांसफर करने पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी पर अंकुश लगाने के लिए इंटेलीजेंस ब्यूरो, इंफोर्समेंट डायरेक्टर, सीबीआइ, टेलीकाम, आरबीआइ सहित विभिन्न पेमेंट गेटवे, वालेट बैंक अधिकारियों की भी मदद ली जा रही है।
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कांफ्रेंस में पुलिस उपमहानिरीक्षक चंडीगढ़ ओमवीर सिंह, गृह मंत्रालय की ओर से दीपक विरमानी, एसएसपी जम्मू कश्मीर गुरिंदरपाल सिंह, एसपी हरियाणा राजेश कालिया, एसपी लद्दाख कमेश्वर पुरी, एसपी चंडीगढ़ केतन बंसल, उप निदेशक ईडी रविंदर जोशी, मनोज उप महाप्रबंधक आरबीआइ आदि मौजूद रहे।
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