Indore Crime News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। फर्जी प्रमाणपत्र और आइडी कार्ड बनाने वाले गिरोह से पंचायत सचिव की भूमिका सामने आई है। जालसाज उसकी आइडी से ही फर्जी जाति और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाते थे। सचिव शाकिर खान ने दलालों को पांच-पांच हजार रुपये में आइडी-पासवर्ड बेचे थे। पुलिस शाकिर सहित लोकसेवा केंद्र की कर्मचारी वर्षा मिश्रा और विजय पंवार की तलाश मेें छापे मार रही है।
बाणगंगा थाना पुलिस ने पिछले दिनों शांतिनगर के प्रियांशी आनलाइन सेंटर पर छापा मारा था। संचालक प्रदीप और अजय फर्जी जाति, आय, जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र सहित आयुष्मान, आधार और वोटर आइडी कार्ड बनाते थे। पुलिस आकाश साहनी, रोहित कुशवाह और देवीलाल को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में पता चला कि आरोपितों ने वाट्सएप पर ग्रुप बना लिए थे। आरोपित कलेक्टोरेट, परदेशीपुरा सहित अन्य लोकसेवा केंद्रों के कर्मचारियों से सांठगांठ कर आवेदकों से दस्तावेज लेकर फर्जी प्रमाणपत्र बना लेते थे।
आरोपित रोहित के मोबाइल की जांच में पता चला कि गिरोह में मगरखेड़ा पंचायत का पूर्व सचिव शाकिर खान भी शामिल है। रोहित ने बताया शाकिर ने पांच हजार रुपये में सीआइएस पोर्टल के आइडी-पासवर्ड बेच दिए थे। वह खुद ही लागिन कर फर्जी प्रमाणपत्र बना लेता था। शाकिर ने अन्य लोगों को भी आइडी-पासवर्ड दिए थे। एएसआइ जबरसिंह ने आरोपितों की तलाश में छापे मारे तो तीनों फरार हो गए। टीआइ के मुताबिक वर्षा के बारे में जानकारी मिली कि वह एक अस्पताल में भर्ती है।
कैशबैक देखने के लिए बैंक में फोन लगाया तो कट गए 54 हजार रुपये
अन्नपूर्णा थाना पुलिस ने गुरुवार को आनलाइन धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि वैशाली नगर निवासी 36 वर्षीय विशाल पुत्र रामसेवक साहू ने शिकायत की थी कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने आनलाइन मोबाइल खरीदा था। कैशबैक की जांच करने के लिए वे स्टेटमेंट निकालना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गूगल पर दिए इंडसइंड बैंक के कस्टमर केयर पर फोन किया, फोन किसी अभिषेक नामक युवक ने उठाया। वहां से एक लिंक मोबाइल पर भेजी। लिंक पर क्लिक किया और ओटीपी डाला तो खाते से 54 हजार रुपये निकल गए, फिर ठग ने फोन काट दिया।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

